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Monday, September 14

मुद्दे अनेक समाधान गायब






 हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. आज कोई भी न्यूज चैनल खोलने पर बस सुशांत, रिया और कंगना की ही चर्चा सुनायी देती है. ऐसा लगता है कि 130 करोड़ भारतवासियों को सिर्फ यही सरोकार रह गया है. मानता हूँ कि ये भी एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिसका निराकरण अवश्य होना चाहिए, सच जरूर सामने आना चाहिए और अब जब कि सर्कार की विभिन्न संस्थाएँ जांच मे संलग्न है तो उन्हें भी पुख्ता नतीजे तक पहुंचने के लिए समय देना चाहिए. ये कोई कंप्युटर तो है नहीं की बटन दबाया और परिणाम सामने. कुछ वक़्त देना चाहिए और मीडिया ट्रायल से बचना चाहिये, विपरीत असर पड़ता है.

देश में इस समय अनेक मुद्दे हैं जिनपर मीडिया फोकस नही करता है. आज अर्थव्यवस्था मे दिक्कत है और हम बजाय इसके कि सर्कार को दोष दे इस बात पर बहस होनी चाहिए कि इन समस्याओं का निराकरण कैसे हो और सर्कार को सकारात्मक सुझाव देना चाहिए ना की सिर्फ दोषारोपण करना चाहिए. विपक्ष भी अपनी भूमिका नही निभा रहे हैं शायद इसीलिए उनकी प्रासंगिकता भी खत्म हो रही है. चीन का भी मुद्दा है, बेरोजगारी और इस महामारी की वज़ह से जॉब loss भी हुआ है. ये बहुत ही गंभीर मुद्दे हैं इन सब पर सकारात्मक चर्चा अवश्य होनी चाहिए.

इसमे कोई दो राय नहीं है कि भारत बहुत तरक्की कर रहा है किन्तु समस्या तो रोज सामने आती है और अगर विपक्ष और न्यूज चैनल अपनी भूमिका निभा रहे हैं तो क्यों न ये कार्य जनता जनार्दन करे. मैं यही कहूंगा कि हमे समस्या को इंगित करते हुए उसका समाधान भी बताना चाहिए सिर्फ़ आलोचना करना और निंदा करना उचित नहीं है, करना भी नहीं चाहिए.

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V P Marwah

Author & Editor

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